जयपुर। लाल डायरी काण्ड ने उदयपुरवाटी से विधायक Rajendra Gudha का न केवल मंत्री पद छीना बल्कि दोस्त भी छीन लिए हैं। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों में गुढ़ा के अलावा पांचों विधायक इस लाल डायरी काण्ड के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लाभार्थी संवाद कार्यक्रम और फिर सीएमओ में खिलखिलाते अंदाज में एक साथ नजर आए। दो दिन पहले इन पांचों को लाभार्थी संवाद कार्यक्रम में एक लाइन में बिठा कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुढ़ा के लिए नरमाई की कोई गुंजाइश नहीं होने का साफ इशारा फिलहाल कर दिया है।
इस काण्ड के चलते भरे गुढ़ा सुर्खियों में आए हैं जिसका लाभ निश्चित ही अगले विधानसभा चुनाव में उनको ग्राउंड पर मिलेगा, लेकिन कांग्रेस के पाले में उन्होंने खोया-पाया में बहुत कुछ पीछे छोड़ दिया है। हालांकि चुनावों के छह महीने पहले मंत्री पद से बर्खास्तगी गुढ़ा पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रभाव नहीं डालने वाली, क्योंकि गुढ़ा को जो पद दिया गया था उससे वह पहले ही नाखुश थे। लेकिन इस पूरे बवाल में मीडिया का चेहरा बनने का अवसर गुढ़ा को जरूर मिल गया है। अब देखने वाली बात होगी कि लाल डायरी महज एक धोका ही बनकर रह जाएगी या फिर यह गुढ़ा के लिए एक और मौका बनकर उभरेगी। हालांकि उनके पांचों साथी विधायकों जोगिंदर अवाना, लाखन सिंह, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव और वाजिब अली का इस बवाल के बीच मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक कतार में बैठना गुढ़ा के लिए असमंजस भरा जरूर रहेगा।
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