RSS की छवि को लेकर चिंता, भाजपा ने की राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग


जयपुर।  RSS की छवि को लेकर आज भाजपा सांसदों, विधायकों, प्रदेशाध्यक्ष समेत कई नेताओं ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। हाल ही जयपुर नगर निगम के घूसकाण्ड का मामला सामने आने के बाद जो एफआईआर दर्ज की गई थी, उसमें इस राष्ट्रवादी संगठन के पदाधिकारियों के नाम भी आए थे। मेयर सौम्या गुर्जर को पद से हटा दिया गया और उनके पति राजाराम गिरफ्तार कर लिए गए। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने जमकर इस मामले को उछाला। हाल ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुले तौर पर चैलेंग करते हुए कहा कि छिपने से कुछ नहीं होगा, जो दोषी होगा उसे पुलिस पकड़ेगी। इधर कांग्रेसियों का लगातार कहना है कि दलाली के इस मामले में आरएसएस के जिन पदाधिकारियों के नाम आ रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक स्तर पर भी भुना रही है और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाकर उदाहरण पेश करने में जुटी हुई है।

राजनीतिक बयानबाजियों और मामला उजागर होने के बाद कांग्रेस सरकार को बड़ा मामला मिल गया है। सभी जानते हैं कि आरएसएस भाजपा की रीढ़ है और कई कई विधायक, नेता और पूर्व मंत्री हैं, जो प्रदेश में संगठन और उससे जुड़ी सेवाओं में शामिल रहे हैं। ऐसे में अब भाजपा का आरएएस के बचाव में आगे आना स्वाभाविक था। आज कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि बीते ढाई सालों से प्रदेश में अराजकता का माहौल है। भ्रष्टाचार है, कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है, लेकिन कांग्रेस उन पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयों प्रतिशोध की राजनीति के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर विश्व के प्रमुख राष्ट्रवादी संगठन की छवि को धूमिल करने का सुनियोजित षडय़ंत्र किया जा रहा है, जिसमें हस्तक्षेप के लिए हम राज्यपाल से मिले हैं।

गौरतलब है कि राज्यपाल से इस मुलाकात में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ, विधायक राजेन्द्र राठौड़, गुलाबचंद कटारिया, अशोक परनामी, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, राजसमंद सांसद दीया कुमारी समेत कई नेता और शामिल हुए थे।

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