BMW की साईकल पर ज्योति खंडेलवाल ने किया पेट्रोल की कीमतों का विरोध, केवल मंत्री कल्ला थे साधारण साईकल पर
जयपुर। देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों और आम आदमी के इससे बिगड़े मासिक बजट को नकारा नहीं जा सकता। यह बात भी सही है कि पेट्रोल-डीजल पर मोटे टैक्स ने सरकारों की जेब तो भरी हैं, लेकिन आम आदमी की जेब खाली कर दी है। विपक्ष विरोध तो करता है, लेकिन सरकार को फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि आम आदमी के घर की तरह सरकार का भी घरेलू बजट बिगड़ा हुआ है। तमाम कोशिशों के बावजूद जब सरकार का बजट नहीं सुधरा तो सरकार ने आम जनता की जेब में हाथ डाल दिया और पेट्रोल-डीजल की कीमतों का नियंत्रण निजी कंपनियों के हाथों में दे दिया। अपने लिए रखा भारी-भरकम टैक्स। एक दौर वह भी था, जब 1973 में पेट्रोल की कीमतों में मात्र 7 पैसे की वृद्धि की गई थी और इसके विरोध में अटल बिहारी वाजपई बैलगाड़ी पर संसद गए थे। लेकिन अब वक्त, साधन और नेता तीनों बदल गए हैं।
बहरहाल बात करते हैं कांग्रेस द्वारा पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध की। एक योजनाबद्ध प्रदर्शन की तैयारी की गई, दमदार कैंपेन बनाया गया और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में शुक्रवार को राजस्थानभर में प्रदर्शन किया भी गया। प्रदर्शन सफल भी रहा। क्योंकि पेट्रोल-डीजल आम आदमी के घरेलू बजट से जुड़ा है और रोज़ जेब खाली हो रही है, तो निश्चित ही इस विरोध का समर्थन सबने किया। नेताओं की पब्लिक अपील बेहतरीन रही। नेता घरों से निकले, कार्यकर्ता निकले। साईकल पर सवार हुए और जनता को जनता की आवाज उठाने वाले नेता जैसे दिखे। लेकिन इसी बीच एक वेल प्लान्ड पॉलिटिकल कैम्पेन की हवा निकालती नज़र आईं कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल। ज्योति खंडेलवाल महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करने महंगी साईकल लेकर पहुंची। यह साईकल BMW कंपनी की थी। ज्योति खंडेलवाल ने तसवीरें खिंचवाई, उनके सोशल मीडिया मैनेजर ने शेयर भी की लेकिन लोगों ने ज्योति की सोशल मीडिया पर जमकर खिंचाई शुरू कर दी। बात भी सही है, महंगी साईकल कभी आम आदमी की जेब को सूट नही करेगी, लेकिन उसे आकर्षित जरूर करेगी। यही वजह है कि ज्योति खंडेलवाल की साईकल पर नज़र सबकी गई, लेकिन ब्रांड होते हुए भी पसंद किसी को नही। आई। लोगों ने खंडेलवाल को सोशल मीडिया पर नसीहतें भी दे डाली। किसी का कहना था कि 'BMW कार से नीचे उतरते नहीं हो, साईकल भी BMW की ले आये!' तो किसी का कहना था, 'BMW को साईकल से पेट्रोल-डीजल की कीमतों के विरोध, विरोधाभासी है।' हालांकि महंगाई के विरुद्ध महंगी साइकिलों के इस प्रदर्शन में बीकानेर से निकले नेता और गहलोत सरकार के मंत्री बी डी कल्ला ने भी सबका ध्यान खींचा। कल्ला साधारण एटलस की साईकल पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ बीकानेर की सड़कों पर निकले। उनके साथ चल रहे करीब-करीब सभी लोगों की साईकल कल्ला की साईकल से महंगी थी। साईकल पर कल्ला में नेता नहीं, आम आदमी नज़र आ रहा था।
फिलहाल केंद्र सरकार के विरोध में इस प्रदर्शन से कीमतें कम होने की उम्मीद तो नहीं की जा सकती, लेकिन लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन से सरकार की नीतियों के विरोध की कड़ी में यह प्रदर्शन जनता के दिमाग में जगह बनाने वाला रहा। इस बात में भी दो राय नही है कि नेताओं की जेब पर इस पेट्रोल-डीजल की बढ़ोतरी का कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन उन्होंने आम आदमी के मुद्दे को उठाकर एक मंच प्रदान किया। देखने वाली बात यह भी है कि ज्योति खंडेलवाल ने जिस तरह प्रदर्शन की हवा निकालने की कोशिश की, कैम्पेन के मुद्दे में यह प्रयास दब गया, नहीं तो इसको बिगाड़ने का श्रेय आज ज्योति खंडेलवाल के खाते में जा चुका होता।
- प्रवीण जाखड़
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