नागौर। सांसद हनुमान बेनीवाल जनता से अपने जुड़ाव को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं, लेकिन अब सांसद की जनसुनवाई में नागौर ही नहीं पड़ोसी जिलों के लोग भी पहुंचने लगे हैं। अपने विधायकों के रवैये से परेशान नागौर के निकटवर्ती जिलों जिनमें सीकर, झुंझुनूं, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जयपुर भी शामिल हैं, नागौर सांसद के निवास पहुंच रहे हैं।
आलम यह है कि दूसरे जिलों की समस्याओं का निस्तारण भी बेनीवाल उसी सहजता से कर रहे हैं, जिस तरह नागौर जिले के लोगों की समस्याओं का करते हैं। शनिवार को भी सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीकानेर, सीकर और जोधपुर से आए जरूरतमंदों की मदद की, जो आज चर्चा का विषय बना हुआ है। इधर जनसुनवाई में जोधपुर के बिलाड़ा क्षेत्र के भावी गांव के युवक पप्पू राम के शव को लेकर भी बेनीवाल ने पुलिस महानिदेश से बात करके परेजनों के साथ न्यायोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि बेनीवाल छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में कूदे हैं। यह माना भी जाता रहा है कि छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आने वाले नेताओं के कामकाम का तरीका पारंपरिक नेताओं से अलग है। कॉलेज, हॉस्टल, युनिवर्सिटी से जुड़ाव रखते हुए अपने राजनीतिक मुकाम को हासिल करने वाले बेनीवाल सरीखे नेताओं ने पहले अपने कॉलेज और युनिवर्सिर्टी के साथियों तो बाद में विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र के लोगों की जमकर मदद की है। लेकिन पश्चिमी राजस्थान में बेनीवाल के दबदबे और जाट समाज में उनकी ग्रामीण, दूरदराज क्षेत्रों में पकड़ किसी से छिपी हुई नहीं है। ऐसे में बेनीवाल का अब सांसद बनने के बाद कई जिलों के लोगों के लिए खड़े रहना उन्हें खास बना रहा है। यही वजह है कि बेनीवाल की पश्चिमी राजस्थान में खास पकड़ मजबूत होती चली जा रही है।
बीते दिनों कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी जहां प्रदेश के 25 में से 24 सांसद फील्ड से गायब ही मिले, वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल जनता की सेवा में लगातार जुटे रहे। उन्होंने चिकित्सा विभाग और प्रशासन को साथ लेकर नागौर में माकूल बंदोबस्त तो किए ही, आस-पास के जिलों से मदद के लिए याद करने वालों को भी निराश नहीं किया।
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