जयपुर। गहलोत सरकार पर संकट के बादल घने दिखाई नहीं दे रहे हैं। माना जा रहा है कि गहलोत फ्लोर टेस्ट भी हो जाए, तो आज 102 विधायकों के समर्थन या इससे कुछ ज्यादा का दावा साबित कर सकते हैं। लेकिन देखने वाली बात यह भी है कि इतना मजबूत दावा होटल फेयरमोंट में बैठ करने वाले विधायक और मुख्यमंत्री खुद आज भी इतने असुरक्षित महसूस क्यों कर रहे हैं? क्या उन्हें इन 102 में से दर्जन-डेड दर्जन पर अब भी शक है, जो पूरा खेल खराब कर सकते हैं और उधर झुक सकते हैं, जिसकी सरकार बनेगी या बचेगी।
ताजा जानकारियों में सामने आ रहा है कि विधायक दल की बैठक में इसी डर को भगाने के लिए गहलोत ने सारे विधायकों को जमकर मोटीवेट किया। साथ में यह भी कहा कि डटे रहो, जीत हमारी होगी। ईश्वर ही सत्य है और सत्य ही ईश्वर, जीत सत्य की होगी। सरकार स्थिर और मजबूत है और पांच साल पूरे करेगी। हमारा सहयोग कर रहे बीटीपी और आरएलडी विधायकों का धन्यवाद और सीपीएम भी हर हाल में हमारा ही साथ देगी। निश्चित ही बाड़ेबंदी में बैठे-बैठे बोर हो रहे विधायकों से इसके अलावा गहलोत क्या बात करें? लेकिन देखना यह भी है कि अगर बहुमत है, तो इतना भी क्या घबराना की जो होटल में खुद बहुमत बैठा है, उसी को मोटीवेट करने या यह कहने की जरूरत पड़ रही है कि डटे रहो, जीत हमारी होगी। अगर बहुमत है, तो अंदर बैठे विधायक खुद इतने कॉन्फीडेंट होंगे कि वाकई सरकार कहीं जाने वाली नहीं है।
अब देखना यह है कि गहलोत के इस डर की वजह क्या है? क्या गहलोत को अब भी डर है कि फ्लोर टेस्ट के वक्त गड़बड़ हो सकती है। या फिर बसपा, बीटीपी, आरएलडी जैसे विधायकों को लेकर किसी टेंशन से डर रहे हैं या फिर पायलट कैंप के कुछ विधायक जो गुपचुप होटल में बैठे समर्थन देते दिख तो रहे हैं, लेकर मौका पड़े तो गहलोत का पाला बदल कर पायलट खेमे में नजर आ सकते हैं उनका डर सकता रहा है। ऐसे करीब 8 विधायक बताए जा रहे हैं, जिनसे गहलोत का डर बना हुआ है। फिलहाल हम कह सकते हैं कि सरकार सेफ नजर आ रही है, लेकिन मुख्यमंत्री को आज भी डर है कि सरकार सेफ नहीं है। अन्यथा कल हुई विधायक दल की बैठक के बाद बाड़ेबंदी हटा दी गई होती, जो अब भी अनिश्चितकाल तक चालू रहेगी। या कहें जब तक फ्लोर टेस्ट या सरकार पूरी सुरक्षित महसूस न हो, तब तक चालू रहेगी।
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