जयपुर। सियासी तूफान के बीच समाधान से राजस्थान की सियासत अब ज्यादा दूर नहीं है। संभवतया इस सप्ताह में कोई न कोई समाधान निकालते हुए गहलोत सरकार अपनी स्थिरता साबित कर देगी। ज्यादा खेल नहीं भी हुआ, तो गहलोत सरकार अगले एक-दो दिन में विधानसभ सत्र बुला कर फ्लोर टैस्ट करवा सकती है और अपना बहूमत साबित कर सकती है। लेकिन मीडिया समेत पॉलिटिकल पंडितों का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि यह सारा खेल गहलोत का ही खेला हुआ है। गहलोत ने मौका देख का सचिन के सामने गुगली खेली और सचिन ने विधायकों पर भरोसा करते हुए शॉट खेलने का प्रयास कर लिया।
इधर देखने वाली बात है कि गहलोत ही इस गेम प्लान के पीछे हैं इन तर्कों में कितनी सच्चाई है। फिलहाल गृह विभाग गहलोत के खुद के पास है। एसओजी की ओर से सचिन पायलट और दूसरे विधायकों को भेजे गए नोटिस इस पूरी रानीतिक अस्थिरता का एक लीगल तरीका था। नोटिस से पायलट खेमा भड़का और गहलोत के सामने सरकार के बागी आ गए। इससे आलाकमान के सामने जैसे ही मामला निपटेगा गहलोत का कद बढ़ेगा। लेकिन गौरतलब है कि एसीबी में जिस एफआईआर को दर्ज करवाया गया है ऑडियो टेप्स में पैसे के लेनदेन को लेकर उसमें दिलचस्प मोड़ देखने को मिल रहा है। इस बात पर कम ही लोगों ने गौर किया, लेकिन अब यह सामने आ चुकी है कि एसीबी की एफआईआर बड़े ही शातिराना अंदाज में लिखी गई है। इस एफआईआर में विधायक भंवरलाल और संजय जैन जहां नामजद आरोपी हैं, वहीं गजेन्द्र सिंह असल में कौन हैं? इस पर सुई अटक गई है। या कह सकते हैं कि अटकाई गई है। गजेन्द्र सिंह के आगे कहीं भी सांसद नहीं लिखा गया है। न ही यह लिखा गया है कि अमुक गजेन्द्र सिंह भाजपा से ताल्लुक रखते हैं। केवल माहौल गर्माने के लिहाज से और बीजेपी को घेरने के उद्देश्य से सांसद गजेन्द्र सिंह के पीछे-पीछे पुलिस खास छान रही है कि उनके बयान हो जाएं। लेकिन जिस सफाई से इस एफआईआर को लिखा गया है, उसमें सांसद गजेन्द्र सिंह को बचने का पूरा मौका छोड़ा गया है। गजेन्द्र सिंह तो इस बात से भी मुकर सकते हैं कि पुलिस उनसे क्यों पूछताछ कर रही है? क्योंकि गजेन्द्र सिंह नाम के जोधपुर में बहुत सारे लोग हो सकते हैं।
इतने बड़े खेल में ऐसी चूक न पुलिस करने वाली है और न ही गहलोत होने देने वाले हैं। फिर भी गजेन्द्र सिंह को बचाने के रास्ते गहलोत से खुले छोड़े। यानी टारगेट सीधा सचिन और उनके खेमे से जुड़े विधायकों के अलावा इस पूरे मामले में कोई नहीं है।
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