जयपुर। सरकार गिराने के सनसनीखेज मामले में रोज नए मोड आ रहे हैं। जितने नेता बयान दे रहे हैं, उतनी ही बातें सामने आने लगी हैं। लेकिन आज विधायक राजेन्द्र गुढ़ा के एक ताजा बयान के बाद सत्ता के गलियारों में हड़कंप मच गया है। गुढ़ा ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए आज साफ तौर पर कहा कि मुझसे दलाल संजय जैन आठ महीने पहले मिला था और वह चाहता था कि वसुंधरा राजे से मैं मिलंू। साथ ही उसका मानस था कि मैं बीजेपी के कई और नेताओं से भी मिलूं।
गुढ़ा के इस बयान के साथ ही इस बात की चर्चाएं जोर पकड़ गई हैं कि क्या इस सारे मामले की तैयारी आठ महीने या इससे भी पहले शुरू कर दी गई थी? क्या इस पूरे गेम के पीछे वसुंधरा राजे साईलेंट गेम खेल रही हैं? क्या मोदी और शाह के इशारे पर राजे गेम प्लान को अमलीजामा पहनाने के लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैं या फिर संजय जैन की लॉबिंग और मुलाकातों के पीछे पूरा एक संगठित प्रयास है? हालांकि इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में सामने आते चले जाएंगे, लेकिन निश्चित तौर पर ही राजेन्द्र गुढ़ का ताजा बयान बड़े सवाल छोडऩे वाला है। हालांकि गुढ़ा का बयान निश्चित ही चौंकाने वाला है, लेकिन इस बात से भी नकारा नहीं जा सकता कि गहलोत और वसुंधरा की पॉलिटिकल ट्यिूनिंग के चर्चे भी बहुत हैं। केवल मात्र हनुमान बेनीवाल एकमात्र राजस्थान के ऐसे नेता है, जो लगातार इस बात को उठाते रहे हैं कि वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत मिले हुए हैं और दोनों राज में एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं। इसी तरह की बयानबाजियों के चलते हाल ही जे.पी. नड्डा ने हनुमान बेनीवाल की खिंचाई करते हुए हिदायत दी थी कि बेनीवाल वसुंधरा के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी न करें।
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