जयपुर। जयपुर के पांच सितारा होटल में मौज मना रहे कांग्रेस के विधायकों से इन दिनों सारे नेताओं को जलन हो रही है। कुछ विधायक इधर-उधर धक्के खा रहे हैं। कुछ को कोई पूछ ही नहीं रहा है। कुछ भागते फिर रहे हैं। तो कुछ इस जलन में मरे जा रहे हैं कि हम भाजपा, निर्दलीय या छोटी-मोटी पार्टी में होने की बजाय कांग्रेस में होते तो इस समय ऐश फरमा रहे होते और आने वाले चुनावों तक काम होने की हां तो गहलोत भर ही देते। लेकिन कल से एक बड़ा सवाल सोशल मीडिया पर तैर रहा है। सवाल है भारतीय ट्राइबल पार्टी यानी बीटीपी के विधायक राजकुमार रोत (चौरासी) और रामप्रसाद (सागवाड़ा) कितने में बिके?
सवाल बहुत बड़ा है। सवाल पैदा होना भी वाजिब है। हालांकि सोशल मीडिया ने आम आदमी को एक बड़ा हथियार सौंप दिया है और वह है कभी भी किसी से भी सवाल पूछने का हथियार। लोग इसका बखूबी इस्तेमाल भी कर रहे हैं। करीब 19 घंटे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के फेसबुक पर जैसे ही दो तस्वीरें पोस्ट हुई, इस सवाल की लोगों ने बौछार लगा दी कि बीटीपी के विधायक कितने में बिक गए हैं। यह बड़ा सवाल खड़ा करने के पीछे कारण भी है। करीब दो दिन पहले चौरासी से बीटीपी के युवा विधायक राजकुमार रोत के दो वीडियो वायरल हुए थे। एक वीडियो में राजकुमार कह रहे थे कि हमें कांग्रेस ने कैद करवा रखा है और दूसरे में कह रहे थे कि कांग्रेस ने जबरन हमारी गाड़ी की चाबी पुलिस से निकलवा दी है। बताया जा रहा था कि जहां कांग्रेस के विधायक पांच सितारा होटल में मजे कर रहे हैं, वहीं बीटीपी के यह दोनों विधायक अजमेर रोड स्थित होटल हाईवे किंग में ठहरे हुए हैं। इस घटना के बाद दोनों विधायक और बीटीपी की प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने सामने आकर कहा कि वह न भाजपा का साथ देंगे और न ही कांग्रेस का साथ देंगे।
बीटीपी के दोनों नेता बेचारे गहलोत के जादू से ऐसे भंवर में फंसे न तो उगलते बना न निगलते। फिर अचानक दोनों ही विधायकों की तस्वीरें गहलोत के साथ सामने आ गई और साथ ही साथ पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर दी गई। इस कॉन्फ्रेंस से हालांकि गोविंद डोटासरा का कद बढ़ा और लोगों ने सोशल मीडिया पर इस बात की सराहना की कि डोटासरा का जादू चीफ बनते ही चलने लगा है और कल तक जो उनकी पार्टी का विरोध कर रहे थे आज कांग्रेस के साथ आ खड़े हुए हैं। लेकिन बेचारे बीटीपी के दोनों विधायकों को जनता ने सोशल मीडिया पर जमकर धोना शुरू कर दिया। हालांकि विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस ने हमारे मांगपत्र पर चर्चा करके हमें समर्थन देना तय किया है इसलिए हम कांग्रेस के साथ आ मिले हैं, लेकिन क्या यहां भी कोई पैसे का लेनदेन हुआ है। या कोई कमिटमेंट हुआ है। क्योंकि पैसे के लेनदेन को लेकर ही राजस्थान की राजनीति में इस समय भूचाल आया है।
कितने में बिके दोनो
ReplyDeleteयह बकरे कितने में बिके
ReplyDeleteयह बकरे कितने में बिके
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